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एक तथाकथित आशिक मित्र की खूबसूरत ज़हां में एंट्री.....................

जागरूकता और शौचालयों की कमी से जारी है खुले में शौच

सामाजिक बीमारी है खुले में शौंच

बहुत संभलने की जरूरत है

अपनों से दूरी

भारतीय जन संचार संस्थान में पहला दिन

ईर्ष्या : दूसरों को नहीं खुद को जलाती है..

बिन पानी सब सून