3758 बच्चों की कब्रें

युद्ध के लिए छटपटा रहे लोगों को ये देखना चाहिए। तस्वीर में दिख रहे बैकपैक्स कोई सजावट के लिए नहीं हैं। ये एक श्मशान घाट है। 3,758 बच्चों का श्मशान घाट। इस युद्ध में बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी मर रहे हैं। जिन नेताओं ने देश का ठेका ले रखा है उनके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं लेकिन मर रहे हैं तो उस गरीब के बच्चे जिसके पास स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए 'टूटा-फूटा सरकारी स्कूल' ही बचा है जहां सालों से टीचर नहीं आते। खाने के नाम पर रोटी के साथ नमक मिलता है। याद होगा शोले में नमक खाने के बाद भी गब्बर ने कालिया को मार दिया था।


ये तस्वीरें यूनीसेफ की हैं। यूनीसेफ ने पिछले रविवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 3758 स्कूली बैगों (बैकपैक) की स्थापना करके उन बच्चों को याद किया जो 2018 के दौरान संघर्षों और युद्धों में मौत का शिकार हो गए। इन स्कूली बैगों को कब्रों की शक्ल में बागीचे में रखा गया है जिसमें हर एक बैग हर उस बच्चे का प्रतिनिधित्व करता है जिसकी जिंदगी निरर्थक व व्यर्थ संघर्ष या युद्ध की भेंट चढ़ गई।

यूनीसेफ के मुताबिक इसी महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में विश्व नेता यहां भाषण देंगे। यूनीसेफ की मानें तो विश्व नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा में इकट्ठा होकर बाल अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय संधि की 30वीं वर्षगाँठ मनाएंगे। इन बैगपैकों की ये स्थापना उन्हें याद दिलाएगी कि क्या-क्या दाँव पर लगा है। विश्व नेताओं को ये याद दिलाया जा रहा है कि क्या दांव पर लगा है जबकि उन्हें ये पहले से ही पता होना चाहिए।

साभार- #UNICEF

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