जब फिल्मों को खुद से जोड़कर देखने लगते हैं तो फिर उन्हें समझने का मतलब ही बदल जाता है। खासकर तब जब आप उस फिल्म की कहानी का अपने वास्तविक जीवन में हिस्सा रहे हों। हॉलीवुड की कुछ चुनिंदा फिल्में हैं जो मेरे दिल के बहुत करीब हैं। उन्हीं में से एक है the fault in our stars, बहुत प्यारी फिल्म है। Now Is Good उतनी अच्छी नहीं है लेकिन कहानी लगभग एक जैसी ही है दोनों की।
कैंसर पीड़ित की कहानी पर हॉलीवुड केवल पैसे भुनाने के लिए फिल्में नहीं बनाता बल्कि उनसे बहुत कुछ कहने की कोशिश करता है। Jenny Downham के पहले नोवेल Before I Die पर बनी फिल्म Now Is Good एक कैंसर पीड़ित की आखिरी इच्छाओं को बयां करती फिल्म है। कैंसर पीड़ित का स्वभाव कैसा होता है मैं अच्छे से जानता हूं। कैंसर से पीड़ित व्यक्ति अपनी मांसिक स्थिति को जानबूझकर बिगाड़ कर रखना चाहता है। शायद उसे इससे सुकून मिलता है? तुम जितना भी उसकी हेल्प करने की कोशिश करोगे उतना वो तुमसे चिड़चिड़ेपन से बात करेगा। गुस्सा करेगा, जानबूझकर आपको दुख पहुंचाने की कोशिश करेगा। लेकिन अगर आप उस कैंसर पीड़ित के दर्द को समझते हैं तो शायद उसका गुस्सा आपको अपनी रोज की आदत में शुमार कर लेना चाहिए। दरअसल मैंने पिता जी को देखा है और मां को उनके गुस्से को अपनी रोज की आदत में शुमार करते हुए भी देखा है। खैर...
Now Is Good एक कैंसर पीड़ित की आखिरी इच्छाओं के अलावा भी एक बाप और कुछ दिनों की मेहमान उसकी बेटी टेस्सा की कहानी है। टेस्सा... जिसकी विशलिस्ट में सबसे खास विश है वर्जिनिटी खोना, टेस्सा कीमोथैरेपी के चलते अब उतनी खूबसूरत लड़की नहीं रही है। वो ये भी नहीं चाहती कि कोई दया दिखाकर उसके साथ सेक्स करे। इसलिए वो अपनी इस खास विश को ज्यादा तबज्जो देना छोड़ देती है। उसने अपनी विश लिस्ट को बेड के सिरहाने दीवार पर लिख रखा है और उस पर पर्दा डाल दिया है। उसके डैड को भी अपनी बेटी की विशलिस्ट के बारे में नहीं पता है और न ही वो कभी उन्हें बताती है। हालांकि उसके डैड को ये पता रहता है कि टेस्सा की कुछ विशेस हैं जिन्हें वो पूरा करना चाहती है। एक सीन में जब टेस्सा अपने ब्वॉयफ्रेंड से नाराज होकर अपने रूम में तोड़फोड़ करती है तो उसकी विशलिस्ट से पर्दा हट जाता है और टेस्सा के डैड को दिख जाती हैं उसकी विशलिस्ट, टेस्सा के डैड का उस समय ये कहते हुए रोना कि... "काश इनमें से कोई एक विश मैं पूरी करने में तुम्हें मदद कर सकता।" आपको भावुक कर सकता है।
आगे फिल्म देख लो.....
कैंसर पीड़ित की कहानी पर हॉलीवुड केवल पैसे भुनाने के लिए फिल्में नहीं बनाता बल्कि उनसे बहुत कुछ कहने की कोशिश करता है। Jenny Downham के पहले नोवेल Before I Die पर बनी फिल्म Now Is Good एक कैंसर पीड़ित की आखिरी इच्छाओं को बयां करती फिल्म है। कैंसर पीड़ित का स्वभाव कैसा होता है मैं अच्छे से जानता हूं। कैंसर से पीड़ित व्यक्ति अपनी मांसिक स्थिति को जानबूझकर बिगाड़ कर रखना चाहता है। शायद उसे इससे सुकून मिलता है? तुम जितना भी उसकी हेल्प करने की कोशिश करोगे उतना वो तुमसे चिड़चिड़ेपन से बात करेगा। गुस्सा करेगा, जानबूझकर आपको दुख पहुंचाने की कोशिश करेगा। लेकिन अगर आप उस कैंसर पीड़ित के दर्द को समझते हैं तो शायद उसका गुस्सा आपको अपनी रोज की आदत में शुमार कर लेना चाहिए। दरअसल मैंने पिता जी को देखा है और मां को उनके गुस्से को अपनी रोज की आदत में शुमार करते हुए भी देखा है। खैर...
Now Is Good एक कैंसर पीड़ित की आखिरी इच्छाओं के अलावा भी एक बाप और कुछ दिनों की मेहमान उसकी बेटी टेस्सा की कहानी है। टेस्सा... जिसकी विशलिस्ट में सबसे खास विश है वर्जिनिटी खोना, टेस्सा कीमोथैरेपी के चलते अब उतनी खूबसूरत लड़की नहीं रही है। वो ये भी नहीं चाहती कि कोई दया दिखाकर उसके साथ सेक्स करे। इसलिए वो अपनी इस खास विश को ज्यादा तबज्जो देना छोड़ देती है। उसने अपनी विश लिस्ट को बेड के सिरहाने दीवार पर लिख रखा है और उस पर पर्दा डाल दिया है। उसके डैड को भी अपनी बेटी की विशलिस्ट के बारे में नहीं पता है और न ही वो कभी उन्हें बताती है। हालांकि उसके डैड को ये पता रहता है कि टेस्सा की कुछ विशेस हैं जिन्हें वो पूरा करना चाहती है। एक सीन में जब टेस्सा अपने ब्वॉयफ्रेंड से नाराज होकर अपने रूम में तोड़फोड़ करती है तो उसकी विशलिस्ट से पर्दा हट जाता है और टेस्सा के डैड को दिख जाती हैं उसकी विशलिस्ट, टेस्सा के डैड का उस समय ये कहते हुए रोना कि... "काश इनमें से कोई एक विश मैं पूरी करने में तुम्हें मदद कर सकता।" आपको भावुक कर सकता है।
आगे फिल्म देख लो.....
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