‘एरर 404 नाट फाउण्ड’ यानी कहीं नाद कहीं मूंह डालना

जब भी कभी इंटरनेट चलाते वक्त यह घटिया संदेश दिखाई देता है तो खून सुलग जाता लगता है कि इस दुनिया के सबसे बड़े चूतिया हमीं हैं. पेज खुलने में लंबा समय लेता है लेकिन जब यह संदेश एक बार खुल जाता है फिर चाहें जितनी भी बार रिफ्रेश कर लो फटाफट खुलता रहेगा. उस वक्त सिर दर्द और बढ़ जाता है जब किसी लेख या समाचार को पढ़ रहे हो और उसमें दिए हुए किसी महत्वपूर्ण लिंक पर क्लिक करते हो और आपको यही मनहूस संदेश दिखाई देता है। सबसे ज्यादा खून तो हम हिंदी भाषियों का ही सुलगता है, क्योंकि हमारे यहां के विद्वान से विद्वान लेखक अपने द्वारा किया गया शोध या कोई अन्य उपयोगी कार्य इंटरनेट पर अपलोड नहीं करते, करते भी हैं तो ऐसे करेंगे की कोई कापी न कर सके। अब अगर ऐसे में संजावनी बूटी की तरह खोजा गया रिजल्ट गूगल बाबा दिखा भी दें तो अंजनी मां की याद आ जाती है। लेकिन असली समस्या तो तब होती है जब लिंक पर क्लिक करते ही किसी के मनहूस चेहरे की तरह यही संदेश दिखता है। हालांकी हमारा उन विद्वानों से यह कहने का कोई हक नहीं बनता कि आप अपने द्वारा किया गया कार्य इंटरनेट पर पब्लिक कर दें। लेकिन एक सलाह देना चाहेंगे की जो आप हमेशा पश्चात्य सभ्यता से प्रेरित दिखते हो कम से कम उनकी देखा-दूनी ही कर लिया करो। अंग्रेजी में अगर गाली भी खोजोगे इंटरनेट पर तो गूगल बाबा लाखों रिजल्ट ढूंढ़ के ला देगा। लेकिन अगर हिंदी में खोजोगे तो सिवाय घंटा के कुछ नहीं मिलता। नहीं तो हमेशा वही थकेली समाचार वेबसाइटों का डाटा रिपीट होता रहता है।


खैर छोंड़ो कहां ज्ञान देने लग गए असली मद्दे पर आते हैं, अब हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह मनहूस संदेश दिखाई क्यों देता है। दरअसल में 404 या Not Found त्रुटि संदेश एक एचटीटीपी (HTTP) मानक प्रतिक्रिया कोड है, जो सूचित करता है कि क्लाएंट का सर्वर से संपर्क तो हुआ था, लेकिन जिस वस्तु के लिये निवेदन किया गया था, सर्वर उसे ढूंढ नहीं पाया। अर्थात आपने बच्चे को दुकानदार के पास बींड़ी का बंडल लेने भेजा लेकिन दुकानदार कहीं रख के भूल गया या उसे वो बींड़ी का बंडल मिला ही नहीं। बच्चा वापस आकर कहता है पापा दुकानदार ने बींड़ी नहीं दी, उसने बोला नहीं मिल रही है। जो बच्चे ने बोला वही यह दिखाई देने वाला संदेश है। एक और काम की बात कि 404 त्रुटियों को भ्रमवश "server not found" या इसी तरह की त्रुटियां नहीं समझ लेना चाहिये, जिनमें गंतव्य सर्वर के साथ कोई संपर्क हो ही नहीं पाता है। 404 त्रुटियों में आपने जिस संसाधन के लिए आवोदन किया है वह भविष्य में पुनः उपलब्ध भी हो सकती है अर्थात दुकानदार बोलता है कि बींड़ी का बंडल अभी नहीं मिल रहा है कल सुबह बाजार से ले आउंगा।
404 कोड में, पहला "4" एक क्लाएंट त्रुटि को सूचित करता है, जैसे कोई गलत ढंग से टाइप किया गया यूआरएल (URL), इसके बाद आने वाले दो अंक उत्पन्न हुई विशिष्ट त्रुटि को सूचित करते हैं। सीधे-सीधे कहें तो 404 त्रुटि अक्सर तब प्रत्यावर्तित की जाती है, जब पृष्ठ हटा दिये गये हों या मिटा दिये गये हों। हमारे हिंदी विद्वानों के साथ यह समस्या भी बहुत अधिक रहती है। एक दो महीनों के लिए डालेंगे फिर हटा लेंगे। 404 त्रुटियों को भ्रमवश डीएनएस (DNS) त्रुटियां नहीं समझ लिया जाना चाहिये, जो कि तब उत्पन्न होती हैं, जब दिया गया कोई यूआरएल (URL) किसी ऐसे सर्वर को संदर्भित करता हो, जो मौजूद नहीं है। एक 404 त्रुटि सूचित करती है कि स्वयं सर्वर ही प्राप्त नहीं हुआ था, लेकिन सर्वर निवेदित पृष्ठ को निकाल पाने में सक्षम नहीं हो सका।
यह तो समझ में आ ही गया होगा कि 404 त्रुटि है क्या लेकिन
यही एक त्रुटि नही है इसके छुटकू-बड़कू बहुत से भाई बहन भी हैं। जैसे- कुछ वेबसाइटें एक "200 OK" प्रतिक्रिया कोड वाला एक मानक वेब पृष्ठ प्रत्यावर्तित करके "not found" त्रुटि की सूचना देती हैं; इसे सॉफ्ट 404 (soft 404) के नाम से जाना जाता है। सॉफ्ट 404 किसी खण्डित लिंक खोज करने की स्वचालित विधियों के लिये समस्या-मूलक (Problematic) होते हैं। कुछ सर्च इंजन, जैसे याहू, सॉफ्ट 404 की पहचान के लिये स्वचालित प्रतिक्रियाओं का प्रयोग करते हैं।

जुलाई 2004 में, यूके (UK) टेलीकॉम प्रदाता बीटी ग्रूप (BT Group) ने क्लीनफीड सामग्री निरोध प्रणाली (Cleanfeed content blocking system) लागू किया, जो कि इंटरनेट वॉच फाउण्डेशन (Internet Watch Foundation) द्वारा अवैध पाई गई सामग्री के लिये भेजे गये किसी भी निवेदन के लिये एक 404 त्रुटि प्रत्यावर्तित करती है। ऐसी ही परिस्थितियों में अन्य आईएसपी (ISP) एक एचटीटीपी (HTTP) 403 "forbidden" त्रुटि प्रत्यावर्तित करते हैं। थाइलैंड व ट्युनिशिया में सेंसरशिप को छिपाने के लिए फर्जी 404 त्रुटियों का प्रयोग किये जाने की जानकारी भी मिलती रही है। ट्युनिशिया में, जहां सेन्शरशिप बहुत अधिक होने की बात कही जाती है, लोग फर्जी 404 त्रुटियों के स्वरूप के बारे में जागरूक हो चुके हैं और उन्हें "ऐमर 404 (Ammar 404)" नामक एक काल्पनिक पात्र की रचना की है, जो "अदृश्य सेंसर" का प्रतिनिधित्व करता है।
2008 में, पोस्ट ऑफिस की टेलीकम्युनिकेशन शाखा द्वारा किये गये एक अध्ययन में यह पाया गया कि "404" यूके (UK)/आयरलैंड भागों में "संकेतहीन (cluless)" के लिये एक अभद्र समानार्थी शब्द बन चुका था। अभद्र बोली के कोशकार (slang lexicographer) जोनाथन ग्रीन ने कहा कि एक अभद्र शब्दावली के रूप में "404" का प्रयोग "प्रौद्योगिकी के प्रभाव" तथा युवा लोगों द्वारा संचालित हो रहा था, लेकिन वर्तमान समय में ऐसा प्रयोग लंदन व अन्य शहरी भागों तक ही सीमित है। हालांकि कई वेबसाइटों ने एक 404 त्रुटि संदेश में अतिरिक्त जानकारी-जैसे किसी वेबसाइट के मुख्य-पृष्ठ के लिये एक लिंक या कोई खोज बॉक्स-भेजती हैं, लेकिन बहुत अधिक उन्नत विस्तारण, जैसे प्रयोक्ता द्वारा खोजे जा रहे सही वेब पृष्ठ को ढूंढने का प्रयास करने वाले विजेट्स, भी उपलब्ध हैं।
हालांकि ऊपर दिया गया कुछ ज्ञान ऐसा भी हो सकता है जो आपके ऊपर से निकल गया होगा लेकिन इतना तो समझ आ ही गया होगा कि यह मनहूस संदेश दिखाई क्यों देता है। वैसे सच बोलना इन संदेशों को डेस्कटाप पर देख कर खुपड़िया भन्ना जाती है। लगता है जैसे इंटरनेट ने हमशे कोई दुश्मनी पाल रखी है। लेकिन हां यह संदेश वाकई में गांव में कही जाने वाली पुरानी कहावत को याद करा देते हैं कहीं नाद कहीं मूंह डालना, या फिर कहां घुसे आ रहे हो यहां कुछ नहीं रखा है भाई कहीं और कोशिश कर।

अमित कुमार

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