सोच बदलो भाई




बुलंदशहर की डीएम बी. चन्द्रकला बार-बार चर्चाओं में आ जाती हैं। जहाँ तक मुझे लगता है कि उनका बार-बार चर्चा में आने के पीछे का कारण है उनकी खूबसूरती। हाल ही में एक युवक ने उनके साथ जबरदस्ती सेल्फी लेने की कोशिश की जिसके बाद उन्होंने उस युवक को थाने में बंद कर दिया, हालांकि घरवालों के माफी मांगने के बाद उसे छोड़ दिया गया। इससे पहले भी वो एक वीडियो को लेकर चर्चा में रही। वीडियो में दिख रहा है कि वो कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर अफसरों और नगरपालिका चेयरमैन को जमकर फटकार लगा रही हैं। इससे पहले भी जिन जिलों में उनकी पोस्टिंग हुई, वहां भी अपने कामों के लेकर वह हमेशा चर्चा में रहीं। हमीरपुर डीएम रहने के दौरान स्कूली छात्राएं उन्हें 'डीएम दीदी' कहकर पुकारती थीं। वहीं, मथुरा में कड़क मिजाज के कारण उनकी पहचान 'लेडी सिंघम' के रूप में होने लगी थी।

हमारे देश में और भी कई महिला डीएम हैं लेकिन उनकी चर्चा शायद ही कभी होती होगी। लेकिन क्या वो डीएम कभी भी कोई प्रशंसनीय काम नहीं किए होंगे? या वो लोग गांवों में भ्रमण पर नहीं गए होंगे? मुझे आश्चर्य तब हुआ जब देश के सबसे प्रतिष्ठित अखबार के एप्प में डीएम साहिबा की पूरी पृष्ठभूमि के साथ-साथ उनकी वो चुनिंदा फोटो दिखा रहा है जिसका शायद किसी से कोई मतलब नहीं होगा। हो सकता है कि उन फोटो को दिखाने का कारण डीएम साहिबा का फिल्मी हीरोइन की तरह दिखना रहा हो। खबरों में जो फोटो दिखाए जाते हैं उनमें एक तो कामन होता है जिसमें वो निशाना
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 लगाती हुई दिखाई जाती हैं। जहां तक मुझे लगता है कि बी. चंद्रकला जी का मीडिया में चर्चा में रहना कहीं न कहीं पुरुष मांसिकतावादी सोच का एक कारण हो सकता है। हालांकि उनकी ईमानदारी और कार्य करने की कुशलता पर किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। हाल ही में देश और समाज के लिए सकारात्मक पहल से सुर्खियां बटोरने वाली शख्सियतों को तलाशने के मकसद से द बैटर इंडियानाम की संस्था द्वारा किये गये सर्वे में बी. चन्द्रकला को अजीत डोभाल, एसआर शंकरन, एस. मंजुनाथ, सत्येन्द्र दुबे और खनन माफिया के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हुए आईपीएस नरेन्द्र कुमार जैसे अफसरों के साथ जगह दी गयी है। यह एक तरह से महिलाओं के लिए गर्व की बात है।
हमारे मीडिया बंधू भी साधारण सी बात को मिर्च मसाला लगा के चटपटा बना देते हैं। जो कभी-कभी तो बहुत उबाऊ लगता है। बावजूद इसके कि वो डीएम साहिबा के काम की प्रशंसा करे नाकि उनके फोटो को किसी मशहूर सेलीब्रटी की तरह पेश करे। मुझे इस बात से कोई दिक्कत नहीं है कि आप किसी की प्रशंसा किस अंदाज में करते हो, दिक्कत इस बात से होती है कि ज्यादा विउअर्स पाने के लिए सारी मर्यादाएं ताक पर रख देते हो। अभी दो दिन पहले चंद्रकला जी का एक आडियो वायरल हुआ है जिसमें वो एक पत्रकार से कहती हैं कि 'किसी नौजवान को आप के घर भेजकर आप की माँ, बहन की फोटो खिंचवाऊं तो आप को कैसा लगेगा'। मेरे हिसाब से यह एक करारा तमाचा है उस मांसिकता पर जो यह सोचते हैं कि किसी की खूबसूरती को एक्सपोज करके वाहवाही लूटी जा सके।
(अभी इस बात की पुष्टी नहीं हुई है कि वायरल हुई आडियो बी. चन्द्रकला की ही है या किसी और की)
-यह मेरे अपने विचार हैं

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