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कैशबैक ऑफर के दिन में दो-चार ई-मेल व एसएमएस आपको रोज मिलते रहते हैं। कंपनियां हमेशा ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह की जुगाड़ अपनाती रहती हैं। और इस वक्त तो मानसून सेल भी चल रही है, तो और भी ज्यादा मैसेज आ रहें हैं। 50 से लेकर 80 फीसदी तक की छूट देने का ऑफर भी आ रहा है। प्रोडक्ट्स में छूट देने से लेकर कैशबैक के ऑफर भी दिए जा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इन कैशबैक ऑफर के जरिए प्रोडक्ट्स खरीदकर आप कोई ज्यादा बचत कर लेते हों। बल्कि कभी-कभी तो इन ऑफर के चलते आपका ज्यादा खर्चा हो जाता है। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप इन कैशबैक ऑफर से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं।
पहले तो आप यह जानें कि कैशबैक ऑफर से नुकसान क्या होता है। दरअसल में बहुत से बड़े रिटेल स्टोर एक निश्चित अमाउंट तक की खरीददारी पर 5 से लेकर 10, 20 फीसदी तक कैशबैक देते हैं। लेकिन एक बात पर ध्यान दें कि इस तरह का अमाउंट 50 रुपए से लेकर 500 रुपए तक का ही होता है। वहीं इस कैशबैक को पाने के लिए आपको 1 हजार से लेकर 10 हजार तक की खरीददारी करनी पड़ती है। कभी ध्यान से देखना ज्यादातर मॉल या बड़े स्टोर्स पर बड़े-बड़े बोर्ड लगे होते हैं उन पर लिखा होता है जितनी ज्यादा शॉपिंग, उतनी ज्यादा सेविंग। दरअसल यह कुछ खास ऑफर नहीं बल्कि एक तरह से मार्केटिंग स्ट्रैटजी होती है ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। लेकिन इनसे बचने के लिए सबसे पहले कैशबैक ऑफर के टर्म एंड कंडीशन को भली-भांति समझें। क्योंकि ज्यादातर उपभोक्तता इन कैशबैक ऑफर्स को पाने के लिए अपने बजट से ज्यादा की खरीददारी कर लेते हैं। इससे लाभ कम और नुकसान ज्यादा होता है। इन आफर्स के चक्कर में आने से बचें और खरीदने से पहले कैल्कुलेशन कर लें कि कितने बजट में क्या-क्या खरीदना है।
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इन ऑफर्स के लालच में आने से बचने के लिए पहले सामान की लिस्ट बनाएं ताकि आप यह सुनिश्चित कर सकें कि आपको वही सामान खरीदना है जिसकी आपको जरूरत है। आमतौर पर बड़े स्टोर्स सप्ताह के किसी एक दिन स्पेशल ऑफर देते हैं। ग्राहकों को लगता है कि वाकई में प्राइस कम करके सामान बेचा जाएगा, लेकिन ऐसा होता नही है। दरअसल में छूट ऑफर शुरू करने से पहले स्टोर्स प्रोडक्ट्स की एमआरपी बढ़ा देते हैं। और फिर वही पुराने एमआरपी से भी ज्यादा के दाम पर प्रोडक्ट्स को बेचा जाता है।खासतौर से उन प्रोजक्ट्स पर इस तरह का घपला ज्यादा होता है जिन पर कंपनी की तरफ से एमआरपी नहीं आती है। इन प्रोडक्ट्स पर रिटेल कंपनी खुद एमआरपी लिखते हैं।
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कैशबैक ऑफर के चलते ग्राहक जरूरत से ज्यादा सामान खरीद लेता है। जिससे ई-कॉमर्स कंपनियों की बिक्री बढ़ जाती है। बिक्री बढ़ने से कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ जाता है। आपको बता दें कि इससे कंपनियों के साथ-साथ संबंधित बैंकों को भी फायदा होता है।दरअसल में जब आप डेबिट या क्रेडिट कार्ड से खरीददारी करते हैं तो रिटेल कंपनी आपको एक फिक्स मशीन देती है, यह मशीन उस बैंक से जुड़ी होती है जिससे कंपनी ने टाई-अप किया होता है। वैसे अगर ग्राहक को लगता है कि कंपनी ऑफर के मुताबिक कैशबैक नहीं देती तो वह कंज्यूमर फोरम में इसकी शिकायत कर सकता है।
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